प्रिय समाज बंधुओं,
जय श्री राजारामजी महाराज।
जैसा कि विदित है सामाजिक पत्रिका आँजणा (पटेल) समाज दर्पण विगत 9 वर्षो से आपकी सेवा में समर्पित है। समाज बंधुओं द्वारा पत्रिका को आशा से अधिक सहयोग मिला इस हेतु पत्रिका के सदस्यगण, पाठकगण, विज्ञापनदाता एवं भावनात्मक सहयोगियों के प्रति पत्रिका परिवार तहे दिल से हार्दिक आभार व्यक्त करता हैं।
आज पत्रिका ने देश के 18 राज्यों में फैले समाज बंधुओं तक अपने को पहुंचाने में, आंशिक तौर पर ही सही किंतु सफलता अवश्य प्राप्त की है एवं इस सफलता को स्वर्णिम बनाने व प्रत्येक समाज बंधु तक पहुंच बनाने हेतु इसे आॅनलाइन प्रकाशित करने का शुभारंभ किया गया है। सूचना-प्रोद्याैगिकी के इस युग में प्रसारण हेतु इंटरनेट से सुलभ कोई साधन नहीं हो सकता। आज हर व्यक्ति किसी-न-किसी जरिए कंप्यूटर से जुड़ा है। वह फेसबुक , आॅरकुट, ट््वीटर आदि सोशल वेबसाइट्स पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है और इसीलिए हमारा आॅनलाइन आने का उदद्ेश्य समयोचित है।
आज युवा व्यस्तता के बोझ से सिर नहीं उठा पा रहा है। शिक्षा व व्यवसाय में लीन व्यक्ति इसी बोझ के कारण स्वयं को समाज से दूर कर लेता है। न तो वह यह जान पाता है कि समाज में क्या हो रहा है और न हीं यह कि ’ जीवन एक कला है जिसमें रंग भरने का कार्य समाज ही करता है।’ फिर भी कुछ समाज बंधुओं की सामाजिक सक्रीयता प्रशंसा योग्य हैं। आज उसकी व्यस्तता को बाधित न करते हुए उसे सामाजिक स्तर पर सूचना संपन्न बनाने का उदद्ेश्य पत्रिका ने अपने हाथ लिया है और इसीलिए हमने ’आॅनलाइन’ उपस्थिति को आवश्यक माना है। हम उसकी व्यस्त दिनचर्या के चंद मिनट मात्र चाहते है जिसे वह हमारी वेबसाइट पर गुजारे। वह सामाजिक घटनाओं से परिचित हो, समाज के लोगों से परिचित हो। वह समाज बंधुओं के विचारों से भिज्ञ हो एवं स्वयं भी अपने विचार दूसरों के समक्ष प्रकट कर सके।
पत्रिका वेबसाइट पर निरंतर उत्कृष्ठ लेखों को शामिल किया जाता रहेगा जिनका संबंध देशकाल से हो। अनन्य शिक्षा, संस्कार, व्यवसाय, रोजगार, विज्ञान, कृषि आदि संबंधी लेख भी प्रकाशित किए जाते रहेंगे जिससे कि हम इसे और उपयोगी बना सकें।
भविष्य में पत्रिका सामग्री का क्षेत्रविस्तार करते हुए इसे सिर्फ ’सामाजिक’ न रखकर ’सामाजिक व साहित्यिक’ स्वरूप प्रदान किया जाएगा जिससे यह बच्चों से लेकर बड़ो तक उपयोगी बनेगी और पाठकों की सहभागिता भी बढेगी व उनकी रचनाओं को एक नया प्लेटफोर्म मिलेगा। इस संबंध में आपके विचार
विषेश आमंत्रित हैं।
पुनः पत्रिका परिवार आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता है एवं आशा करता है कि आपका सहयोग निरंतर हमारे साथ रहेगा।
आपका
सांवलराम चौधरी
संपादक - आँजणा (पटेल) समाज दर्पण
जय श्री राजारामजी महाराज।
जैसा कि विदित है सामाजिक पत्रिका आँजणा (पटेल) समाज दर्पण विगत 9 वर्षो से आपकी सेवा में समर्पित है। समाज बंधुओं द्वारा पत्रिका को आशा से अधिक सहयोग मिला इस हेतु पत्रिका के सदस्यगण, पाठकगण, विज्ञापनदाता एवं भावनात्मक सहयोगियों के प्रति पत्रिका परिवार तहे दिल से हार्दिक आभार व्यक्त करता हैं।
आज पत्रिका ने देश के 18 राज्यों में फैले समाज बंधुओं तक अपने को पहुंचाने में, आंशिक तौर पर ही सही किंतु सफलता अवश्य प्राप्त की है एवं इस सफलता को स्वर्णिम बनाने व प्रत्येक समाज बंधु तक पहुंच बनाने हेतु इसे आॅनलाइन प्रकाशित करने का शुभारंभ किया गया है। सूचना-प्रोद्याैगिकी के इस युग में प्रसारण हेतु इंटरनेट से सुलभ कोई साधन नहीं हो सकता। आज हर व्यक्ति किसी-न-किसी जरिए कंप्यूटर से जुड़ा है। वह फेसबुक , आॅरकुट, ट््वीटर आदि सोशल वेबसाइट्स पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है और इसीलिए हमारा आॅनलाइन आने का उदद्ेश्य समयोचित है।
आज युवा व्यस्तता के बोझ से सिर नहीं उठा पा रहा है। शिक्षा व व्यवसाय में लीन व्यक्ति इसी बोझ के कारण स्वयं को समाज से दूर कर लेता है। न तो वह यह जान पाता है कि समाज में क्या हो रहा है और न हीं यह कि ’ जीवन एक कला है जिसमें रंग भरने का कार्य समाज ही करता है।’ फिर भी कुछ समाज बंधुओं की सामाजिक सक्रीयता प्रशंसा योग्य हैं। आज उसकी व्यस्तता को बाधित न करते हुए उसे सामाजिक स्तर पर सूचना संपन्न बनाने का उदद्ेश्य पत्रिका ने अपने हाथ लिया है और इसीलिए हमने ’आॅनलाइन’ उपस्थिति को आवश्यक माना है। हम उसकी व्यस्त दिनचर्या के चंद मिनट मात्र चाहते है जिसे वह हमारी वेबसाइट पर गुजारे। वह सामाजिक घटनाओं से परिचित हो, समाज के लोगों से परिचित हो। वह समाज बंधुओं के विचारों से भिज्ञ हो एवं स्वयं भी अपने विचार दूसरों के समक्ष प्रकट कर सके।
पत्रिका वेबसाइट पर निरंतर उत्कृष्ठ लेखों को शामिल किया जाता रहेगा जिनका संबंध देशकाल से हो। अनन्य शिक्षा, संस्कार, व्यवसाय, रोजगार, विज्ञान, कृषि आदि संबंधी लेख भी प्रकाशित किए जाते रहेंगे जिससे कि हम इसे और उपयोगी बना सकें।
भविष्य में पत्रिका सामग्री का क्षेत्रविस्तार करते हुए इसे सिर्फ ’सामाजिक’ न रखकर ’सामाजिक व साहित्यिक’ स्वरूप प्रदान किया जाएगा जिससे यह बच्चों से लेकर बड़ो तक उपयोगी बनेगी और पाठकों की सहभागिता भी बढेगी व उनकी रचनाओं को एक नया प्लेटफोर्म मिलेगा। इस संबंध में आपके विचार
विषेश आमंत्रित हैं।
पुनः पत्रिका परिवार आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता है एवं आशा करता है कि आपका सहयोग निरंतर हमारे साथ रहेगा।
आपका
सांवलराम चौधरी
संपादक - आँजणा (पटेल) समाज दर्पण