अगर किसी चोर को यह कह दिया जाए कि चोरी करने वाले को फांसी पर चढ़ा देना चाहिए तो वह चोर ऐसा कहने वाले को ही फांसी पर चढ़ाने के लिए उतावला होता नज़र आएगा - यहीं हालत आज भ्रष्टाचार की और भ्रष्टाचारियों की है । हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है तो क्या भ्रष्टाचार में डूबी सरकार अन्ना के इस आंदोलन को सफल होने देगी? लेकिन इन विकट परिस्थितियों में भी आदरणीय अन्ना हजारे साहब भ्रष्टाचार की आंधी के सामने संघर्ष की जलती मशाल लेकर खड़े है। उनकी इस देशभक्ति भावना को आज पूरा देश नमन करता है। अन्ना तुम संघर्ष करो, तन, मन और धन से हम आपके साथ हैं।
गोरे अंग्रजों पर गांधी भारी थे, इन कालों पर आज अन्ना।
जुड़ती जा रही जनता इनसे, कल बजाएंगे भ्रष्टाचारी झुनझुना।।
आपका
सांवलराम चौधरी
संपादक - आँजणा (पटेल) समाज दर्पण
राष्ट्रीय सामाजिक पत्रिका
जोधपुर (राज.)
गोरे अंग्रजों पर गांधी भारी थे, इन कालों पर आज अन्ना।
जुड़ती जा रही जनता इनसे, कल बजाएंगे भ्रष्टाचारी झुनझुना।।
आपका
सांवलराम चौधरी
संपादक - आँजणा (पटेल) समाज दर्पण
राष्ट्रीय सामाजिक पत्रिका
जोधपुर (राज.)